पद्मा एकादशी या 'परिवर्तनी एकादशी' हिंदी विक्रमी सम्वत के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहा जाता है। यह श्री लक्ष्मी जी का परम आह्लादकारी व्रत है। इस दिन आषाढ़ मास से शेष शैय्या पर निद्रामग्न भगवान विष्णु शयन करते हुए करवट बदलते हैं।
इस एकादशी तिथि को 'वर्तमान एकादशी' भी कहते हैं। इस एकादशी को भगवान के वामन अवतार का व्रत व पूजन किया जाता है। इस व्रत को करने से व्रती के सभी प्रकार के अभीष्ट सिद्ध होते हैं। भगवान विष्णु के बौने रूप वामन अवतार की यह पूजा वाजपेय यज्ञ के समान फल देने वाली तथा समस्त पापों को नष्ट करने वाली कही जाती है।