हिन्दू विक्रमी सम्वत पंचांग के आश्चिन मास के कृ्ष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंद्रा एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन शालीग्राम जी की पूजा करके व्रत किया जाता है। इंद्रा इस एकादशी के व्रत को करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते है। इस व्रत के फलों के विषय में एक मान्यता प्रसिद्ध है, कि इस व्रत को करने से नरक मे गए, पितरों का उद्धार हो जाता है। इस एकादशी की कथा को सुनने मात्र से यज्ञ करने के समान फल की प्राप्ति होती है।