प्रत्येक चन्द्र मास में दो एकादशी होती है। इस प्रकार एक वर्ष में 24 एकादशी होती है। जिस वर्ष में अधिमास होता है। उस वर्ष में 26 एकादशियां होती है। एकादशी का शाब्दिक अर्थ चन्द मास की ग्यारहवीं तिथि से है। चन्द्र माह के दो भाग होते है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की ग्यारवीं तिथि एकादशी तिथि कहलाती है।
सभी एकदशियों के अलग-अलग नाम है। माह और पक्ष के अनुसार एकादशी व्रत का नाम रखा गया है। जैसे-फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकाद्शी तिथि को विजया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के शुभ फलों में वृ्द्धि होती है और पाप कर्मों का नाश होता है। एकादशी व्रत करने से उपवासक व्रत से संबन्धित मनोवांछित फल की प्राप्ति करता है। सभी एकादशी अपने नाम के अनुरुप फल देती है।