पुराणों के अनुसार हिंदी विक्रमी सम्वत के चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पाप मोचिनी एकादशी कहा जाता है। अर्थात पापों को नष्ट करने वाली इस एकादशी महात्मय के विषय में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है।