मोहिनी एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष की एकादशी की भाँति किया जाता है। पुराणों के अनुसार हिंदी विक्रमी सम्वत पंचांग के वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाता है।
इस व्रत को करने से निंदित कर्मों के पाप से छुटकारा मिल जाता है तथा मोह बंधन एवं पाप समूह नष्ट होते हैं। सीता जी की खोज करते समय भगवान श्री रामचन्द्र जी ने भी इस व्रत को किया था। उनके बाद में मुनि कौण्डिन्य के कहने पर धृष्टबुद्धि ने और श्रीकृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने भी इस व्रत को किया था।