हिन्दू विक्रमी पंचांग के अनुसार वैशाख माह में शुक्लपक्ष के प्रथम सोमवार को जगन्नाथ महाराज का व्रत रखा जाता है।
यह व्रत उन्नीसवीं शताब्दी में अवध में भी बहुत अधिक लोकप्रिय था। इस व्रत में लगातार आठ दिन तक भगवान जगन्नाथ की कथा कही जाती है। इस व्रत में नमक नहीं खाया जाता है। दही या दूध से पूरी खाई जाती है। जगन्नाथ महाराज को पूरी, पुआ, आम, ककड़ी, खरबूजा आदि चढ़ाया जाता है।