Apara Ekadashi

 

अपरा एकादशी ‘अचला’ तथा’ अपरा दो नामों से जानी जाती है। हिंदी विक्रमी सम्वत के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा है। इस दिन भगवान त्रिविक्रम जी की पूजा की जाती है। इस व्रत के करने से ब्रह्महत्या, परनिन्दा, भूतयोनि जैसे निकृष्ट कर्मों से छुटकारा मिल जाता है। इसके करने से कीर्ति, पुण्य तथा धन की अभिवृद्धि होती है। यह व्रत गवाही, मिथ्यावादियों, जालसाजों, कपटियों तथा ठगों के घोर पापों को मिटाने वाला है।