होइहै सोई जो राम रचि राखा। को करि तरक बढ़ावहिं साखा॥
स्रोत - यह चौपाई बालकाण्ड में शिव पार्वती संवाद की है।
फल - कार्य पूर्ण होने में संदेह है, अत: उसे भगवान पर छोड़ देना श्रेयस्कर है।
The objective is unlikely to be achieved. Leave this matter to the Almighty.