बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम जिज गुन अनुसरहीं॥
स्रोत - यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है।
फल - खोटे मनुष्यों का संग छोड़ दो। कार्य पूर्ण होने में संदेह है।
Remote possibility of desired results. Severe company with bad or distrustful elements.