उघरें अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥
स्रोत - यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है।
फल - इस कार्य में भलाई नहीं है। कार्य की सफलता में संदेह है।
The question in your mind is not going to get beneficial results. Success is unlikely.