व्याघात योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण
व्याघात योग में जन्म लेने वाला व्यति तथ्यों को जानने वाला, मनुष्यों में पूजित, कर्मकर्ताओं में प्रधान होता है। किंतु कभी-कभी मनुष्य क्रूर कर्म करने वाला, निंदक, मिथ्याभाषी एवं हिंसक प्रवृत्ति का भी होता है। किसी प्रकार का होने वाला आघात या लगने वाला धक्का। यदि इस योग में कोई कार्य किया गया तो बाधाएं तो आएगी ही साथ ही व्यक्ति को आघात भी सहन करना होगा। यदि व्यक्ति इस योग में किसी का भला करने जाए तो भी उसका नुकसान होगा। इस योग में यदि किसी कारण कोई गलती हो भी जाए तो भी उसके भाई-बंधु उसका साथ सोचकर छोड़ देते हैं कि उसने यह जानबूझ कर ऐसा किया है।
जातक का स्वभाव खरा होता है वह किसी भी बात को कटु रूप मे कहने वाला होता है उसके कई प्रकार के दुश्मन बन जाते है और जातक के प्रति मानसिक दुश्मनी पालने लगते है जातक का शुरु का जीवन अभावो मे ही बीतता है उसे कठिन परिस्थिति मे शुरु का जीवन निकालना होता है लेकिन जवानी मे उसे सुख मिलने शुरु हो जाते है वह अपने को इतना कठोर बना लेता है कि किसी भी हालत मे अपने को रख सकता है उसे सुख की चिन्ता नही रहती है जंगल पहाड दुर्गम स्थान खतरो से खेलने के लिये वह अपने को अभ्यस्त कर लेता है,अक्सर उसकी कमजोरी का फ़ायदा उठाकर उसके अपने ही लोग उसके साथ घात करते है और जीवन को समाप्त करने की कोशिश करते है लेकिन बहुत ही ग्रह स्थिति कमजोर होने पर ही उसके साथ घात हो सकती है अन्यथा उसके अन्दर चीते जैसी फ़ुर्ती होने के कारण वह किसी भी घात से बच जाता है जातक के अन्दर दया भाव की कमी होती है और वह हिंसक रूप से अधिक प्रसिद्ध होता है