वृद्धि योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण
वृद्धि योग में उत्पन्न जातक संग्रह करने वाला चतुर व्यापारी, भाग्यवान, सुन्दर स्वरूप वाला, शक्तिशाली तथा सभी को प्रिय मानने वाला होता है। इस जातक की कुण्डली में अल्पायु योग हो तो वह भंग हो जाता है।
जातक के पैदा होने के बाद परिवार कुल सम्पदा और नाम धन आदि की बढोत्तरी होने लगती है पिता और परिवार दिन दूना रात चौगुना बढने लगता है,जातक का पालन बहिन या बुआ के द्वारा शुरु मे होता है और जातक घर की बहिन बुआ बेटी का दुलारा होता है,जातक के अन्दर शुरु से ही व्यापारिक और लोगो से सम्पर्क बनाने के गुण होते है जातक के अन्दर मीठा बोलने की आदत भी होती है और सेवा भावना भी होती है। जातक के पैदा होने के बाद पिता को राजयोग जैसी बात मिलती है माता को सुखी रहने के लिये भूमि भवन और सम्पत्ति की प्राप्ति होती रहती है माता का आकर्षण अधिकतर गहनो और धन को इकट्ठा करने के प्रति होता है साथ ही माता कंजूस प्रकृति की भी होती है जातक शिक्षा मे अपने को आगे बढाता जाता है और धन तथा बैंक आदि की शिक्षा मे निपुण होता है अक्सर जातक के पैदा होने के बाद जातक की कोई बुआ या बहिन अपने परिवार से विमुक्त हो जाती है,जातक का जीवन साथी कर्कश स्वभाव का होता है लेकिन उसके इस स्वभाव से परिवार मे सुरक्षा की सीमा बढ जाती है जातक के परिवार के साथ जातक के रहने के समय मे कोई अपघात नही होती है जातक अपनी बुद्धि से सभी आफ़तो को एक किनारे करता रहता है