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विवाहिता के लिए मंगलसूत्र और सिंदूर का महत्व

 
विवाहिता के लिए मंगलसूत्र और सिंदूर का महत्व

मंगलसूत्र :
पीले धागे में पिरोए काले मोती और सोने के पेंडिल से बना मंगलसूत्र पहनना एक विवाहित स्त्री के लिए अनिवार्य बताया गया है। इसकी तुलना किसी अन्य आभूषण से नहीं की जा सकती। प्राचीन काल से मंगलसूत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। 

हर स्त्री को मंगलसूत्र विवाह पर पति द्वारा पहनाया जाता है जिसे वह स्त्री पति की मृत्यु पर ही उतार कर पति को अर्पित करती है। उसके पूर्व किसी भी परिस्थिति में मंगलसूत्र स्त्री को उतारना मना है। इसका खोना या टूटना अपशकुन माना जाता है। साथ ही इसे पति की कुशलता से भी जोड़ा गया है। इसी वजह से विवाहित महिलाओं के लिए मंगलसूत्र पहनना अनिवार्य माना गया है।

यह तो हुआ मंगलसूत्र का धार्मिक महत्व परंतु मंगलसूत्र की अनिवार्यता के कुछ अन्य कारण भी है। विवाहित स्त्री जहाँ जाती है वहाँ वह आकर्षण का केंद्र होती है। सभी की अच्छी-बुरी नजरें उसी की ओर होती हैं। ऐसे में मंगलसूत्र के काले मोती उसे बुरी नजर से बचाते हैं। 

वहीं मंगलसूत्र में लगे सोने के पेंडिल का भी विशेष महत्व है। चूंकि सोना तेज और ऊर्जा का प्रतीक है। इसी लिए सोने के पेंडिल से स्त्री में तेज और ऊर्जा का संचार बना रहता है। इन्हीं वजह से मंगलसूत्र को विवाहित स्त्रियों के लिए अनिवार्य बताया गया है।

सिंदूर: 
यह सिंदूर केवल सौभाग्य का ही सूचक नहीं है बल्कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक तथ्य भी है जिसके अनुसार माथे और मस्तिष्क के चक्रों को सक्रिय बनाए रखाना जरूरी होता है। जिससे कि ना केवल मानसिक शांति बनी रहती है बल्कि सामंजस्य की भावना भी लगातार बलवती होती रहती है। 

अत: शादी में मांग भरने की रस्म इसीलिए निभायी जाती है ताकि वैवाहिक जीवन में हमेशा प्रेम व सामंजस्य बना रहे।