सप्तम भाव शुभ हो तथा सप्तमेश बली हो |
शुक्र स्वगृही या कन्या राशि का हो |
दुतीयेश और सप्तमेश 1, 4, 7, 10,स्थानो पर हो |
लग्न में या दुतीय भाव में हो |
सप्तम स्थान पर शुभग्रहों की दृष्टी हो |
गुरु अपने मित्र के नवांश में हो |
चन्द्र और शुक्र सप्तम भाव में साथ हो |
लग्न से सप्तम भाव में शुभग्रह हो |
सप्तमेश शुभग्रहमक्त होकर दुतीय स्थान में हो |
विवाह प्रतिबन्धक योग न हो |