जन्मलग्नेश और लग्नेश के सम्बन्ध से वर्षफल जानना चाहिए |
ये दोनों शुभग्रह हों तथा केंद्र और त्रिकोण में स्थित हों एवं उन पर मित्र द्र्ष्टि हो, तो जातक का वर्ष अच्छा रहता है |
दोनों के पापग्रह होने पर तथा ६, ८, १२वें भाव में स्थित होने पर वर्ष सामान्यतया अनिष्टकारी होता है |
पदोन्नति के लिए वर्षलग्नेश या मासलग्नेश का उच्चराशि या मूल त्रिकोण में स्थित रहना आवश्यक है |
मासफल जानने के लिए मासकुण्डली का अध्ययन करना चाहिए |