वैधृति योग में जन्म लेने वाले जातकों के गुण :
वैधृति योग का जातक निरत्साही, भूखा रहने वाला, अन्य व्यतियों का प्रेमी, किंतु अन्य व्यतियों में प्रेम न रखने वाला, चंचल चित्त वाला, धर्म एवं अपने संस्कारों को न मानने वाला, मलीन हृदय, दुष्ट प्रकृति का होता है। यह योग रोग योग का पोषक होता है। यह योग स्थिर कार्यों हेतु ठीक है परंतु यदि कोई भाग-दौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा आदि करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए।
इस योग मे पैदा होने वाला जातक अक्सर पिता से हीन होकर ही पैदा होता है इसका कारण या तो जातक के पिता की मृत्यु हो चुकी होती है या माता पिता से अलग होकर रहती है। अगर ऐसा नही है तो वैधृति योग में जन्मे जातक जीवन में जब भी शादी करते है, वह अपने जीवन मे वैवाहिक सुख को प्राप्त नही कर पाते है। जातक को जीभ से जुडी बीमारिया होती है, जातक असत्य वचनो के प्रति अधिक अग्रसर रहता है।
ऐसे जातको के जीवन में जब भी कोई परेशानी आती है तो वैधृति योग में जन्मे जातक घर बार छोड़कर कर दूर चले जाते है या एकान्त वास करने लगते है, जो कि इनके जीवन में अवसाद लेकर आता है। इन जातकों के जीवन मे धन की सदैव कमी रहती है, जिसकी वजह से जल्दी धन कमाने के साधनो की ओर लालायित होकर कर्जदार भी हो जाते है। जीवन के अंतिम पड़ाव में इनको कोई न कोई असाध्य बीमारी भी लग ही जाती है।