कहते है की देवो के देव महादेव शिवजी अनन्त दयालु ,कृपालु है जो भी इनसे सच्चे मन से माँगो वो दे देते है तभी तो इनका दूसरा नाम भोले नाथ है | वैसे तो इनका किसी भी दिन या किसी भी समय ध्यान करो ये अपने भक्तो पे हमेसा कृपा करते है |इनका सप्ताह में एक दिन 'सोमवार' और मास में सावन मास तो इनका ही मास होता है |
सावन का पहला सोमवार अतिविशिष्ट होता है इस दिन बारह ज्योतिर्लिंगों की विशेष पूजा होती है . कहते है की इसदिन अगर विधि विधान से पूजा करके भगवान शिव से जो भी मांगे सरे मनोरथ पूरे होते है| इस दिन हम शिव परिवार की पूजा करते है |
जिसमे शिव जी ,माँ पार्वती ,गणेश जी ,कार्तिकेय जी ,नंदी महराज की पूजा करते है|
प्रात:काल और सायंकाल स्नान निवृत हो कर सर्व प्रथम गणेश पूजा और गणेश पूजा समय मुख उत्तर या दक्षिण दिशा होनी चहिये |
उसके बाद भगवान शिव,मत पार्वती ,कार्तिकेय जी और नंदी महराज की पूजा करे |
पूजा में उपर्ययुक्त वस्तुए निम्न है
सर्व प्रथम शिव लिंग को पंचामृत से स्नान करना चहिये,पंचामृत अर्थात (गंगाजल, दूध ,शहद ,शक्कर ,गाय का घी )पांचो से युक्त हो
उसके उपरांत शिवलिंग को गंगानग स्नान कराये तत्पश्चात शिवलिंग को सफ़ेद अर्पित करे फिर चन्दन के लेप से तिलक लगाये और ये सब करते समय
ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहे उसके उपरांत शिव जी को पुष्प और बिल्व पत्र अर्पित करे पुष्प में धतूरे का पुष्प और मदार का पुष्प अर्पित करे अगर हो सके तो पाच या चार पत्तो का बिल्क पत्र अर्पित करे बिल्व पत्र शिव जी को सबसे प्रिय है तत्पचात शिव जी को स्वेत मिस्थान का प्रसाद अर्पित करे तदोउपरांत घी का दीपक जलाकर शिव जी की वंदना करे |