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सौभाग्य योग

 

सौभाग्य  योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण


सौभाग्य योग में जन्म लेने वाला मनुष्य ज्ञानी, धनी, सत्य में रहने वाला, विवेकी, राज मंत्री, सभी कार्य में कुशल, स्त्रीप्रिय होता है। यह योग राजयोग को पुष्ट करता है।

जातक जन्म से ही अपने माता पिता तथा परिवार के लिये अपने अनुसार भाग्य वर्धक फ़ल देने वाला होता है जातक के अन्य स्थान पर भी जाने के बाद जहां वह रात भर भी विश्राम कर लेता है वहां के लोग सुखी होने लगते है। जातक की तेरह साल की उम्र के बाद जातक को भटकाव मिलता है लेकिन वह भटकाव जातक को पढने से अधिक करने से शिक्षा का देने वाला होता है उसकी रुचि बहिन बुआ के पास रहने की अधिक मिलती है वह अपने पिता से दूर ही रहता है साथ ही माता का साथ आजीवन रहता है लेकिन वह माता के प्रति आश्वस्त होने के कारण माता को समझ नही पाता है माता के मरने के बाद भी माता का आशीर्वाद उसके साथ हमेशा रहता है जातक के सन्तान की कमी मानी जाती है लेकिन अल्प सन्तान होने के कारण तथा सन्तान का हर बात मे अनुगामी होने के कारण जातक को जीवन पर्यन्त धन यश सम्मान और पारिवारिक जीवन मे दिक्कत नही आती है जातक को बुरे लोगो के द्वारा प्रताणित जरूर किया जाता है लेकिन कोई भी शत्रु की चाल जातक के लिये सफ़ल नही हो पाती है जातक का पतन तभी शुरु होता जब जातक के अन्दर बुरी भावनाये भर जाती है जातक तामसी कारणो मे चला जाता है या जीवन साथी के द्वारा अधिक लोभ के कारण जातक को बुरे रास्ते पर भेजने के लिये देखा जाता है। अगर जातक के मन मे व्यभिचार नही भरे तो जातक अपनी पूरी उम्र को जीता है और अपने कुटुम्ब के हाथ ही मोक्ष को प्राप्त होता है