Home » Interesting Stories » Sant Aur Guru Usi Ko Kahte Hai
 

संत और गुरु उसी को कहते है

 

 

संत और गुरु क्या है और केसे होने चाहिए:
 
एक जगह संत कथा कर रहे थे , उसी समय एक व्यक्ति उठा और संत के गंजे सर पर ठोला मार कर चला गया,
और वहा बेठे सभी भक्त जन सोच रहे थे की हम सभी तो गुरु जी को प्रणाम करते है और ये केसा दुष्ट है जो गुरु जी के सर पर ठोला मार रहा है?
 
सभी भक्तो को बड़ा ही क्रोध आया और कहा की
गुरुजी आप आज्ञा दे तो हम इस की पिटाई कर देते है !
गुरु जी ने कहा: क्यों ?
 
भक्तो ने कहा की : इसने आपके सर पर ठोला मारने का अपराध जो किया है,
 
गुरु जी ने हँस कर संत वाणी से कहा की :
भैया आप 40 चालीस रूपया की एक मटकी लेते हो तो उनपर ठोले मार कर बजा -बजा कर लेते हो की मटकी में कोई नुक्स तो नही है
 
फिर ये तो मुझे अपना जीवन सोपने जा रहा है,
जिसको जिवन सोपने जा रहा हो वो वाकय में गुरु बनाने के लायक है या नही , यही सोच कर मेरे सर को बजा रहा था ..
 
जिस की सकारात्मक सोच है संत और गुरु उसी को कहते है ,
जो हर उलटी बात का सीधा मतलब निकाले....!!!