हमारे महान ऋषि-मुनियों ने बिना तोड़-फोड़ किए गंभीर वास्तु दोषों को दूर करने के लिए कुछ सरल व अत्यंत चमत्कारिक उपाय बताए हैं जो पूर्णत: प्राकर्तिक, ब्रह्मांडीय व पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति तथा सृष्टि की अनमोल धरोहर सूर्य की प्राणदायक किरणों, वायु आदि पर आधारित है।
पूर्व दिशा
घर में पूर्व दिशा का शुद्ध होना घर, परवारिक तनाव, विवाद निवारण हेतु एवं परिवार व सदस्यों की वृद्धि हेतु बहुत ही अनिवार्य है | यदि यह बाधित हो जाये तो मान सम्मान में कमी, मानसिक तनाव, गंभीर रोग व बच्चो का विकास बाधित होता है | ऐसा नहीं है के इस दिशा में उत्पन्न गंभीर दोष का कोई निदान नहीं है या फिर आपको इस तोड़ कर ही ठीक करना होगा | कुछ सरल सामान्य उपाय कर आप पूर्व दिशा के शुभ फल प्राप्त कर सकते है |
- ब्रह्मण को ताम्बे के पात्र में गेहू व गुड के साथ लाल वस्त्र का दान करे |
- पूर्व में प्राण प्रतिष्ठित सूर्य यंत्र की स्थापना विधि पूर्वक कराये |
- सूर्योदय के समय ताम्बे के पात्र से सूर्य देव को सात बार गायत्री मंत्र के साथ जल में लाल चन्दन या रोली व गुड, लाल पुष्प मिलाकर अर्य दें।
- प्रत्येक कक्ष के पूर्व में प्रातःकालीन सूर्य की प्रथम किरणों के प्रवेश हेतु खुला स्थान या खिड़की अवश्य होनी चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं हो, तो उस भाग में सुनहरी या पीली रोशनी वाला बल्ब जलाएं।
- पूर्व दिशा का कटना अशुभ माना जाता है को भाग्य में कमी का सूचक है, यदि पूर्व की दिशा कटी हो, तो पूर्वी दीवार पर एक बड़ा शीशा लगाएं तथा वहां सात घोड़ों के रथ पर सवार भगवान सूर्य देव की एक भव्य तस्वीर या मूर्ति अथवा चिह्न रखें। इससे भवन के पूर्वी क्षेत्र में प्रतीकात्मक वृद्धि होती है और दोष समाप्त होता है |
- पूर्व दिशा में दोष होने पर किसी भी व्यक्ति को खास कर यह ध्यान रखना चहिये की वह पिता का किसी भी परिस्थिति में अपमान तथा उनकी बातो की अवहेलना ना करे | वही गृहणीयो को अपने स्वामी की यथा संभव सेवा तथा आज्ञा का पालन करना चहिये |
- पूर्व में लाल, हरे, सुनहरे और पीले रंग का प्रयोग करें। पूर्वी क्षेत्र में जलस्थान, बोरिंग, भूमिगत टेंक बनाएं तथा पूर्व दिशा में यदि किसी जलस्थान में लाल कमल उगाते है अथवा पूर्वी क्षेत्र में लाल पुष्प के पौधे लगाते है तो दोष से मुक्ति मिलती है।
- अपने शयन कक्ष की पूर्वी दीवार पर उदय होते हुए सूर्य की ओर पंक्तिबद्ध उड़ते हुए शुभ उर्जा वाले पक्षियों के चित्र लगाएं। निराश, आलस से परिपूर्ण, अकर्मण्य, आत्मविश्वास में कमी अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष प्रभावशाली है।
- बंदरों को गुड़ और भुने चने खिलाएं।
- लाल गाय को रोटी देने से भी लाभ होता है |