सोमवार के दिन पड़ने वाली किसी भी माह की पूर्णिमा के दिन से किया गया यह प्रयोग काफी पचलित और विशेष फलदायी माना जाता है। जिस किसी पूर्णिमा को सोमवार का दिन हो, उस दिन यह प्रयोग करें।
कहीं से नागकेसर के फूल प्राप्त कर, किसी भी मन्दिर में शिवलिंग पर पाँच बिल्वपत्रों के साथ यह फूल भी चढ़ा दें। यदि इससे पूर्व शिवलिंग को कच्चे दूध, गंगाजल, शहद, दही से धोकर पवित्र कर सकना संभव हो, तो यथाशक्ति करें। यह क्रिया अगली पूर्णिमा तक नित्य प्रतिदिन करते रहें। इस पूजा में एक दिन की भी कमी नहीं होनीं चाहिए। ऐसा होने पर की गयी पूजा खण्डित हो जाती है।
इस प्रयोग को करने के लिए श्रद्धालु को फिर किसी पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले सोमवार की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। लगभग एक माह के इस प्रयोग में जैसी भी श्रध्दाभाव से पूजा-अर्चना बन पड़े करनी चाहिए। भगवान को चढ़ाए प्रसाद के ग्रहण करने के उपरान्त ही कुछ खाएँ।
अन्तिम दिन चढ़ाए गये फूल तथा बिल्वपत्रों में से एक अपने साथ श्रध्दाभाव से घर ले आएँ। इन्हें घर, दुकान, फैक्ट्री कहीं भी पैसे रखने के स्थान में रख दें।
इस विशेष प्रयोग के लाभ के रूप में व्यक्ति को विशेष धन लाभ होते है और उसकी वित्तीय स्थिति काफी अच्छी हो जाती है। माना जाता है कि धन-सम्पदा अर्जित कराने में नागकेसर के पुष्प चमत्कारी प्रभाव दिखलाते हैं!