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पारिजात योग

 
कुंडली के अनुसार लग्नेश जिस राशि में हो उस राशि का स्वामी यदि कुंडली में उच्च स्थान या फिर अपने ही घर में हो तो ऐसी दशा में पारिजात योग बनता है.
या पारिजात योग तब भी बनता है जब लग्नेश जिस राशि में हो उस राशि में नवमेश हो और उस राशि का स्वामी नवम भाव में उच्च का हो. यह स्थान परिवर्तन के साथ बनता है. कई बार जन्म कुंडलियों में इस योग का प्रभाव किसी राजा से भी शक्तिशाली होता  है. ऐसे राजयोग वाले  व्यक्ति के चरण राजा भी चूमते हैं .

अपनी दौड़ पूरी करता है और जीत जाता है पारिजोत योग की कहानी भी कुछ-कुछ ऐसी ही है. इस योग वाले जातक अपने जीवन में कामयाब होते हैं और सफलता के शिखर पर भी पंहुचते हैं लेकिन इनकी रफ्तार धीमी रहती है. लगभग आधा जीवन बीत जाने के बाद इस योग के प्रभाव दिखाई देने लगते हैं। 

पारिजात योग से धन्य व्यक्ति लड़ाई का शौकीन होगा (अर्थात दृढ़ इच्छाशक्ति, दृढ़ संकल्प, निडर, और सफल), दयालु, क्षमाशील और उदार, धर्म और कर्मों में विश्वास रखने वाला, एक गौरवशाली अधिकारी और कर्मठ होता है। धन और आराम का आनंद लेने वाला और अपने जीवन के मध्य और अंतिम भाग के दौरान शाही जीवन जीने वाला।

पारिजात योग के जातक मुलभूत रूप से अध्यात्मिक चरित्र वाले होते हैं . इनके द्वारा कई बार बड़ा लोक  कल्याण भी होते हुए देखा गया है .