परिघ योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण
इस योग में जन्म लेने वाला जातक झूठी गवाही देने वाला, अनेकों की जमानत लेने वाला अपने द्वारा किये गए कर्म को स्पष्ट करने वाला, क्षमारहित चतुर, कम खाने वाला, शत्रुओं को पराजित करने वाला, कुल की उन्नति करने वाला, श्रेष्ठ कवि, वाचाल भी होता है। यह योग दंड योग को भंग करके खंड योग तथा चक्रयोग को पुष्ट करता है। इस योग में शत्रु के विरूद्ध किए गए कार्य में सफलता मिलती है अर्थात शत्रु पर विजय अवश्य मिलती है।