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ग्रह-नक्षत्र भी देवता के रूप में पूजनीय है

 
ग्रह-नक्षत्र भी देवता के रूप में पूजनीय है

हिन्दू धर्म में ग्रह-नक्षत्र भी देवता के रूप में पूजनीय है। खासतौर पर ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक कुण्डली में ग्रहों के अच्छे या बुरे प्रभाव इंसान के सुख-दु:ख नियत करते हैं। इसलिए देव उपासना की परंपराओं में हर दिन अलग-अलग ग्रहों की पूजा से ग्रहदोष शांति का महत्व बताया गया है। 

इसी परंपरा में मंगलवार के दिन मंगल देव की पूजा से जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों को दूर करने का महत्व है। क्रूर ग्रह मंगल की पूजा का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहसी बनाता है, वहीं रोग, शोक, बाधाओं को भी दूर कर देता है। मंगलवार के दिन मंगल पूजा या ग्रह दोष शांति के उपायों में यहां बताया जा रहा मंगल मंत्र नीचे लिखी कामनाओं की पूर्ति या परेशानियों को दूर करने के लिए बहुत की शुभ माना गया है -

- भूमि या घर प्राप्ति - विवाह में विलंब - पुत्र कामना - धन प्राप्ति - लंबी आयु - कर्ज से छुटकारा - शत्रु बाधा - योग्य जीवनसाथी की कामना - सम्मान और प्रसिद्धि की कामना - मंगल दोष शांति - बीमारियों से छुटकारा - ग्रह दोष से छुटकारा - ऐश्वर्य की कामना - मनचाही कामना सिद्धि - विद्या प्राप्ति - विघ्र-बाधाओं से छुटकारा - नवग्रह दोष शांति - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को पाने की कामना के लिए मंगल मंत्र 

- ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: 

शास्त्रों में मंगल ग्रह की प्रतिमा की लाल सामग्रियों (लाल चंदन, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, लाल अनाज, लाल रंग की फल या मिठाई का भोग आदि) से पूजा के बाद इस मंत्र का लाल आसन पर बैठकर 40000 (चालीस हजार) की संख्या में रुद्राक्ष माला से जप कामना सिद्धि करने वाला बताया गया है।