ध्रुव योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण
इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य शक्तिशाली, निश्चित बुद्धि वाला, उसके घर में लक्ष्मी का स्थिर निवास और मुख में साक्षात सरस्वती विराजमान रहने से अखंड यश को प्राप्त करता है। इस योग के प्रभाव से मनुष्य दीर्घजीवी बनता है।
जातक पैदा होने के बाद साम दाम दण्ड भेद आदि की नीतियों वाली शिक्षा मे निपुण होता है वह अपने नाम के आगे धन को महत्ता नही देता है जातक के पिता के प्रति संदेह किया जाता है लेकिन माता को बचपन से ही अभावो मे जीने की आदत होती है और वह बुद्धि से बहुत चतुर होती है साथ ही धन की महत्ता माता के अन्दर भी नही होती है वह अपने परिवार को कम साधनो मे भी चलाने की हिम्मत रखती है माता को कपडो जेवरो और धन सम्पत्ति से कोई लगाव अधिक नही होता है वह संतोषी स्वभाव की होती है पिता के अन्दर अधिक चतुरता के कारण या तो दूसरी माता का होना होता है या पिता का लगाव जातक के प्रति कम ही होता है जातक अपने प्रयासो से आगे बढने वाला होता है जातक अपने शौर्य से अपने काम और नाम को उन्नति देने वाला होता है