हिन्दू देवी देवताओं में भगवान विष्णु और लक्ष्मी सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवी देवताओं में से एक हैं भगवान विष्णु के सारे चित्रों या मंदिरों में लक्ष्मी का स्थान अवश्य होता है।
माँ लक्ष्मी को गणेश और सरस्वती के साथ तो पूजा ही जाता है साथ ही साथ उनकी पूजा अलग से भी की जाती है लेकिन भगवान विष्णु की पूजा अकेले नहीं की जाती विष्णु के साथ लक्ष्मी का होना जरूरी माना जाता है।
आखिर क्या कारण है कि भगवान विष्णु को लक्ष्मी के साथ ही पूजा जाता है?
हिन्दू धर्म में लगभग सभी देवी देवताओं का जो चरित्र चित्रण किया गया है वह उनकी खासियतों और उसके व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर किया गया है।
अधिकाशं विद्वानों का मत है कि हिन्दू धर्म में जितने देवी देवता हैं उनका इस सृष्टि के संचालन में कुछ न कुछ महत्व जरूर है। त्रिदेव के रूप में भी ब्रह्मा जी को इस सृष्टि का रचनाकार, विष्णु जी को संचालनकर्ता तथा शिव जी को संहारक माना जाता है।
विद्वानों का मानना है कि, क्योंकि भगवान विष्णु सृष्टि का पालन, पोषण और संचालन करते हैं इसलिए उनका मूल स्वभाव कर्म प्रधान है।
कहते है संसार में जीवित रहने के लिए कर्म करना बेहद जरूरी है और जो कर्म करते है लक्ष्मी हमेशा उनके साथ ही रहती है। इसलिए ही भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी का होना इस बात का प्रतीक है कि बिना कर्म किए हमें लक्ष्मी कभी प्राप्त नहीं होती है।