पांचवें स्थान पर चन्द्रमा हो तथा उस पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि हो |
द्वतीयेश तथा चतुर्थेश शुभग्रह की राशि में हों |
एकादशेश और द्वतीयेश चौथे स्थान में हों |
लग्नेश शुभग्रह होकर धन भाव मे स्थित हो |
धनेश आठवें स्थान पर हो |
लग्न का स्वामी दुसरे स्थान पर हो, दुसरे स्थान का स्वामी ग्यारहवें स्थान पर हो तथा एकादशेश लग्न में हो |