गणेश चुतर्थी भारत का एक अहम त्यौहार है. इस दिन पूजा करने वाले इंसान को सुबह उठकर स्नानादि से निवृत होकर सोना, तांबा, चांदी, मिट्टी या गोबर से गणेश की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए. पूजने के समय 21 मोदकों का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही हरित दूब (घास) के इक्कीस अंकुर लेकर यह दस नाम लेकर चढ़ाने चाहिये – ऊँ गताप नम:, ऊँ गोरीसुमन नम:, ऊँ अघनाशक नम:, ऊँ एक दन्ताय नम:, ऊँ ईश पुत्र नम:, ऊँ सर्वसिद्धिप्रद नम:, ऊँ विनायक नम:, ऊँ कुमार गुरु नम:, ऊँ इम्भववक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहन संत नम:. इसके बाद इक्कीस लड्डुओं में दस लड्डू ब्राह्मणों को दान देना चाहिए और ग्यारह लड्डू प्रसाद रूप में बांटे और खाने चाहिए.