सावन के पहले सोमवार को प्रात: और सांयकाल स्नान के बाद शिव जी के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय और नंदी जी पूजा करें। चतुर्थी तिथि होने पर श्री गणेश जी की भी विशेष पूजा करें। पूजा में मुख पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर रखें। सावन के पहले सोमवार व्रत की पूजा के दौरान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” और गणेश मंत्र जैसे “ॐ गं गणपतये” बोलकर भी पूजा सामग्री अर्पित कर सकते हैं।
पूजा में शिव परिवार को पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, शक्कर, घी व जलधारा से स्नान कराकर, गंध, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित करें। शिव को सफेद फूल, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र और श्री गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, गुड़ व पीले वस्त्र चढ़ाएं। भांग-धतूरा भी शिव पूजा में चढ़ाएं, शिव जी को सफेद रंग के पकवानों और गणेश को मोदक यानी लड्डूओं का भोग लगाएं।
भगवान शिव व गणेश जी के जिन स्त्रोतों, मंत्र और स्तुति की जानकारी हो, उसका पाठ करें। श्री गणेश व भगवान शिव की आरती सुगंधित धूप, घी के पांच बत्तियों के दीप और कपूर से करें। पहले सावन सोमवार व्रत की पूजा के अंत में गणेश जी और शिव जी से घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामनाएं करें।