इस दिन प्रातः स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर प्रभु श्रीकृष्ण का स्मरण कर पूरे घर में पवित्र जल छिड़ककर अपने आवास तथा आसपास के वातावरण को शुद्ध बनाएँ। पश्चात पूजा सामग्री तैयार करें।
तुलसी की मंजरी (तुलसी के पौधे पर पत्तियों के साथ लगने वाला), सुगंधित पदार्थ विशेष रूप से पूजन सामग्री में रखें। गणेशजी, श्रीकृष्ण और वेदव्यासजी की मूर्ति या तस्वीर सामने रखें। गीता की एक प्रति भी रखें। इस दिन पूजा में तुलसी की मंजरियाँ भगवान श्रीगणेश को चढ़ाने का विशेष महत्व है।
चूँकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में उपदेश दिया था अतः आज के दिन उपवास रखकर रात्रि में गीता-पाठ करते हुए या गीता प्रवचन सुनते हुए जागरण करने का भी काफी महत्व है। पूजा-पाठ कर व्रत कथा को सुनें, पश्चात आरती कर प्रसाद बाँटें।