Chaturthi Vrat
गणेशोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है। गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है, गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी (अनंत चौदस) के दस दिन तक गणेशोत्सव मनाया जाता है। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि ही गणेश चतुर्थी कहलाती है।
गणेश चुतर्थी भारत में मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। इस दिन पूजा करने वाले इंसान को सुबह उठकर स्नानादि से निवृत होकर सोना, तांबा, चांदी, मिट्टी या गोबर से गणेश की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए। पूजने के समय 21 मोदकों का भोग लगाना चाहिए।
इसके साथ ही हरित दूब (घास) के इक्कीस अंकुर लेकर यह दस नाम लेकर चढ़ाने चाहिये –
ऊँ गताप नम:,
ऊँ गोरीसुमन नम:,
ऊँ अघनाशक नम:,
ऊँ एक दन्ताय नम:,
ऊँ ईश पुत्र नम:,
ऊँ सर्वसिद्धिप्रद नम:,
ऊँ विनायक नम:,
ऊँ कुमार गुरु नम:,
ऊँ इम्भववक्त्राय नम:,
ऊँ मूषकवाहन संत नम:
इसके बाद इक्कीस लड्डुओं में दस लड्डू ब्राह्मणों को दान देना चाहिए और ग्यारह लड्डू प्रसाद रूप में बांटने और खाने चाहिए।